श्री रामचंद्र मंदिर चौक, चांदपोल बाजार, जयपुर, राजस्थान।
भगवान शिव।
यह मंदिर लगभग 350 वर्ष प्राचीन बताया जाता है। इसकी स्थापना जयपुर राजपरिवार की माजी साहिब गुलाब कंवर धीरावत ने करवाई थी। उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम 'गुलाबेश्वर महादेव' पड़ा। कहा जाता है कि गुलाबेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना श्री रामचंद्र मंदिर से भी पहले हुई थी, जिसके प्रांगण में यह आज स्थित है।
Premium hardbound pocket edition with Hanuman Aarti, Ashtak, Bajrang Baan. Hindi & Roman Hindi. Gift boxed.
इस मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण दिव्य संबंध भगवान शिव द्वारा उनके परम भक्त बाबा बोलता राम को दिए गए साक्षात दर्शन से है। बाबा बोलता राम, जो माजी साहिब गुलाब कंवर के गुरु भी थे, भगवान शिव के अनन्य उपासक थे। उनकी गहन भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें प्रत्यक्ष दर्शन दिए थे।
दिव्य दर्शन के दौरान, भगवान शिव ने बाबा बोलता राम को आदेश दिया कि जिस उद्यान (बगीचे) में बाबा निवास करते थे, वहाँ संपूर्ण शिव परिवार – अर्थात् भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदीजी – की स्थापना की जाए।
तुलसीदास कृत रामचरितमानस (Code 81), सुंदर हार्डकवर संस्करण — घर, मंदिर या उपहार के लिए उपयुक्त।
बाबा बोलता राम ने भगवान शिव के इस दिव्य आदेश को अपनी शिष्या माजी साहिब गुलाब कंवर धीरावत को बताया और उन्हें इस पवित्र कार्य हेतु मंदिर निर्माण के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, एक भक्त को हुए साक्षात देव-दर्शन और उनके आदेश के फलस्वरूप इस मंदिर का निर्माण हुआ।
मंदिर के गर्भगृह का निर्माण गुलाबी मार्बल से किया गया है, जो इसकी सुंदरता में वृद्धि करता है। यहाँ संपूर्ण शिव परिवार के साथ-साथ भैरवनाथ भी विराजमान हैं। शिव जलहरी पर नागों का एक जोड़ा भी स्थापित है, जो महादेव की सेवा में तत्पर प्रतीत होता है।
गुलाबेश्वर महादेव मंदिर एक भक्त की सच्ची निष्ठा और भगवान की प्रत्यक्ष कृपा का एक ज्वलंत उदाहरण है। यह जयपुर के स्थानीय इतिहास और पूर्व राजपरिवार की धर्मपरायणता से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर दर्शाता है कि कैसे दिव्य प्रेरणाएं भौतिक रूप में साकार होती हैं और पीढ़ियों तक आस्था का केंद्र बनी रहती हैं।
Wooden matte gold-framed painting of Bhagwan Satyanarayana – perfect for home mandir or wall décor.
जयपुर के अन्य प्रसिद्ध और विशाल मंदिरों की तुलना में, गुलाबेश्वर महादेव मंदिर और इससे जुड़ी बाबा बोलता राम की दिव्य अनुभूति की विशिष्ट कथा अपेक्षाकृत कम प्रचारित हो सकती है, विशेषकर बाहरी पर्यटकों के लिए।
सावन के महीने में यहाँ विशेष पूजा-अर्चना और सहस्त्र घट का आयोजन होता है, तथा भगवान भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है।
मंदिर का 350 वर्षों से अधिक का अस्तित्व, जयपुर राजपरिवार से इसका ऐतिहासिक संबंध, बाबा बोलता राम से जुड़ी सुस्थापित स्थानीय परंपराएं और कथाएं, तथा मंदिर में निरंतर चली आ रही पूजा-अर्चना इसकी प्रामाणिकता को दर्शाती हैं।
श्री रामचंद्र मंदिर चौक, चांदपोल बाजार, जयपुर, राजस्थान।
भगवान शिव।
यह मंदिर लगभग 350 वर्ष प्राचीन बताया जाता है। इसकी स्थापना जयपुर राजपरिवार की माजी साहिब गुलाब कंवर धीरावत ने करवाई थी। उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम 'गुलाबेश्वर महादेव' पड़ा। कहा जाता है कि गुलाबेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना श्री रामचंद्र मंदिर से भी पहले हुई थी, जिसके प्रांगण में यह आज स्थित है।
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इस मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण दिव्य संबंध भगवान शिव द्वारा उनके परम भक्त बाबा बोलता राम को दिए गए साक्षात दर्शन से है। बाबा बोलता राम, जो माजी साहिब गुलाब कंवर के गुरु भी थे, भगवान शिव के अनन्य उपासक थे। उनकी गहन भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें प्रत्यक्ष दर्शन दिए थे।
दिव्य दर्शन के दौरान, भगवान शिव ने बाबा बोलता राम को आदेश दिया कि जिस उद्यान (बगीचे) में बाबा निवास करते थे, वहाँ संपूर्ण शिव परिवार – अर्थात् भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदीजी – की स्थापना की जाए।
तुलसीदास कृत रामचरितमानस (Code 81), सुंदर हार्डकवर संस्करण — घर, मंदिर या उपहार के लिए उपयुक्त।
बाबा बोलता राम ने भगवान शिव के इस दिव्य आदेश को अपनी शिष्या माजी साहिब गुलाब कंवर धीरावत को बताया और उन्हें इस पवित्र कार्य हेतु मंदिर निर्माण के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, एक भक्त को हुए साक्षात देव-दर्शन और उनके आदेश के फलस्वरूप इस मंदिर का निर्माण हुआ।
मंदिर के गर्भगृह का निर्माण गुलाबी मार्बल से किया गया है, जो इसकी सुंदरता में वृद्धि करता है। यहाँ संपूर्ण शिव परिवार के साथ-साथ भैरवनाथ भी विराजमान हैं। शिव जलहरी पर नागों का एक जोड़ा भी स्थापित है, जो महादेव की सेवा में तत्पर प्रतीत होता है।
गुलाबेश्वर महादेव मंदिर एक भक्त की सच्ची निष्ठा और भगवान की प्रत्यक्ष कृपा का एक ज्वलंत उदाहरण है। यह जयपुर के स्थानीय इतिहास और पूर्व राजपरिवार की धर्मपरायणता से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर दर्शाता है कि कैसे दिव्य प्रेरणाएं भौतिक रूप में साकार होती हैं और पीढ़ियों तक आस्था का केंद्र बनी रहती हैं।
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जयपुर के अन्य प्रसिद्ध और विशाल मंदिरों की तुलना में, गुलाबेश्वर महादेव मंदिर और इससे जुड़ी बाबा बोलता राम की दिव्य अनुभूति की विशिष्ट कथा अपेक्षाकृत कम प्रचारित हो सकती है, विशेषकर बाहरी पर्यटकों के लिए।
सावन के महीने में यहाँ विशेष पूजा-अर्चना और सहस्त्र घट का आयोजन होता है, तथा भगवान भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है।
मंदिर का 350 वर्षों से अधिक का अस्तित्व, जयपुर राजपरिवार से इसका ऐतिहासिक संबंध, बाबा बोलता राम से जुड़ी सुस्थापित स्थानीय परंपराएं और कथाएं, तथा मंदिर में निरंतर चली आ रही पूजा-अर्चना इसकी प्रामाणिकता को दर्शाती हैं।