गणेश चतुर्थी के उल्लास और भक्ति के बीच शुक्रवार रात कर्नाटक के हासन ज़िले में एक भयावह सड़क हादसे ने उत्सव का रंग शोक में बदल दिया। मोसले होसहल्ली गाँव के पास विसर्जन जुलूस के दौरान एक तेज़ रफ़्तार ट्रक अचानक नियंत्रण खो बैठा और श्रद्धालुओं की भीड़ में जा घुसा।
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़, हादसा रात लगभग दस बजे उस समय हुआ जब सैकड़ों लोग प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस में शामिल थे। ट्रक ने कथित तौर पर एक दोपहिया वाहन को बचाने की कोशिश की, लेकिन नियंत्रण बिगड़ते ही वाहन डिवाइडर पार कर भीड़ वाली लेन में घुस गया। चीख-पुकार और भगदड़ मच गई। कई लोग ट्रक की चपेट में आ गए, जिनमें कम से कम आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 20–25 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। देर रात तक अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी रहा।
घटनास्थल पर मंजर इतना भयावह था कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने लोगों को भीतर तक हिला दिया। वीडियो में साफ दिखता है कि कैसे जुलूस की तालियों और मंत्रोच्चार के बीच अचानक ट्रक बेकाबू होकर घुसता है और कुछ ही सेकंड में माहौल मातमी हो जाता है।
सरकारी प्रतिक्रिया तेज़ रही। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को ₹5-5 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। घायलों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। केंद्र सरकार की ओर से भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से सहायता दिए जाने का संकेत मिला है। मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुँचकर घायलों से मुलाक़ात की और अधिकारियों को राहत और पुनर्वास कार्य में तत्परता बरतने का निर्देश दिया।
Speeding Truck Crashes Into Ganesh Visarjan Crowd in Hassan, Karnataka …
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) September 12, 2025
पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है। प्राथमिक जाँच में सामने आया है कि ट्रक चालक बाइक सवार को बचाने की कोशिश में संतुलन खो बैठा। हादसे में चालक और उसका सहायक भी घायल हुए हैं, दोनों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। अधिकारियों का कहना है कि दोषी पाए जाने पर सख़्त कार्रवाई होगी।
इस घटना ने धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बड़े जुलूसों के दौरान ट्रैफ़िक डायवर्ज़न, बैरिकेडिंग और वाहन-मुक्त मार्ग सुनिश्चित करना अनिवार्य है। हासन हादसा यह स्पष्ट करता है कि केवल प्रशासनिक घोषणाओं से काम नहीं चलेगा, ज़मीनी स्तर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख़्ती से लागू करना होगा।
हासन हादसा इस वर्ष गणेशोत्सव की सबसे दुखद घटनाओं में से एक बन गया है। जहां एक ओर पूरे राज्य में श्रद्धालु गणपति बप्पा के जयकारों में डूबे थे, वहीं दूसरी ओर हासन के इस छोटे से गाँव की रात मातम में डूब गई।
… killed and 25 injured in Karnataka's Hassan district after a truck lost control and crashed into a Ganesh idol immersion procession.
— Mid-Day (@mid_day) September 12, 2025
धार्मिक उत्सव केवल आस्था का नहीं, बल्कि सामूहिक अनुशासन का भी प्रतीक होना चाहिए। हासन की त्रासदी हमें यह याद दिलाती है कि भक्ति और सुरक्षा दोनों साथ-साथ चलनी चाहिए। केवल तभी हम सुनिश्चित कर पाएंगे कि भविष्य में आस्था का कोई पर्व, किसी परिवार के लिए शोक का कारण न बने।