केरल का प्रसिद्ध सबारिमाला अयप्पा मंदिर इस माह की मासिक पूजा के लिए 16 सितंबर शाम 5 बजे से अपने द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोलेगा। मंदिर प्राधिकरणों ने बताया कि पूजा-अनुष्ठानों का यह सिलसिला पाँच दिनों तक चलेगा और 21 सितंबर 2025 को बंदीपूजा के साथ इसका समापन होगा।
ऑनलाइन आरक्षण और सीमित प्रवेश
पिछले कुछ वर्षों से कोविड-19 महामारी के बाद लागू नियमों के अनुसार, श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य रहेगी। हालांकि, सीमित संख्या में स्पॉट पास भी उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि जो लोग अचानक यात्रा करना चाहें, वे भी दर्शन का लाभ उठा सकें। अधिकारी मानते हैं कि इससे भीड़-नियंत्रण और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होंगे।
विशेष अनुष्ठान
मंदिर के मुख्य पुजारी (तनत्री) के अनुसार, इस पाँच दिवसीय पूजा अवधि में कई प्रमुख अनुष्ठान संपन्न होंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हैं—
- सहस्रकलासम (हज़ार कलशों से विशेष अभिषेक)
- कालभभिषेकम (विशेष प्रार्थना एवं अभिषेक)
ये दोनों अनुष्ठान 16 सितंबर को ही आरंभ होंगे और पूरे पूजा काल में प्रमुख स्थान पर रहेंगे।
प्रशासनिक तैयारियाँ
केरल पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण, सफाई और तीर्थमार्ग सुरक्षा के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं। Travancore Devaswom Board ने थलसेवन सेवकों और पुलिस बल को मिलाकर तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुचारु बनाने की योजना बनाई है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
लंबे अंतराल के बाद होने वाली इस मासिक पूजा के लिए भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल पर बड़ी संख्या में पंजीकरण किए जा चुके हैं। स्थानीय व्यापारी समुदाय और तीर्थपथ से जुड़े लोगों का कहना है कि मासिक पूजा के दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं बल्कि इनसे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती है।
समापन
21 सितंबर को मंदिर बंदीपूजा के बाद फिर से बंद हो जाएगा और अगली मासिक पूजा की तैयारी शुरू होगी। धार्मिक विशेषज्ञों के अनुसार, सबारिमाला की मासिक पूजा भक्तों को यह स्मरण कराती है कि भगवान अयप्पा की कृपा केवल वार्षिक मकरविलक्कु तीर्थयात्रा तक सीमित नहीं, बल्कि हर महीने विशेष अवसरों पर उपलब्ध होती है।