हैदराबाद की पावन धरती पर जब गणेश चतुर्थी का मंगलप्रभात आया, तो पूरा नगर मानो गजानन के दिव्य चरणों में आत्मसात हो गया। खैराताबाद स्थित महागणपति की प्रतिमा इस वर्ष 69 फीट ऊँचाई में स्थापित की गई—यह ऊँचाई केवल पत्थर, माटी और रंगों की नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सनातन विश्वास की ऊँचाई है। यह प्रतिमा भक्तों को स्मरण कराती है कि गणपति केवल विघ्नविनाशक ही नहीं, बल्कि धर्म, समाज और संस्कृति के आधारस्तम्भ भी हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी स्वयं इस अवसर पर उपस्थित हुए। उन्होंने दीप और धूप से भगवान की आरती की, पुष्पांजलि अर्पित की और राज्य के प्रत्येक नागरिक की ओर से विघ्नहर को प्रणाम किया। जब मुख्यमंत्री ने आरती की लौ भगवान के समक्ष घुमाई, तो ऐसा प्रतीत हुआ मानो समस्त प्रदेश का लोकमंगल उसी लौ में समाहित हो गया हो। उन्होंने भक्तों से कहा कि हैदराबाद केवल एक महानगर नहीं है, बल्कि धार्मिक सौहार्द और सांस्कृतिक समरसता का जीवंत प्रतीक है। वास्तव में यही भावना गणेशोत्सव का मूल संदेश है—जहाँ एकता, श्रद्धा और प्रेम का संगम होता है।
इस उत्सव की सबसे विशेष व्यवस्था रही सरकार का यह निर्णय कि शहर के लगभग 1.4 लाख गणेश पंडालों को नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। यह केवल एक प्रशासनिक घोषणा नहीं, बल्कि यह भाव है कि भक्त की आराधना में कोई अंधकार न आए, और दीपमालिका की ज्योति निरंतर जलती रहे। नि:शुल्क बिजली की यह सुविधा राज्य सरकार ने इसलिए दी कि हर गली, हर मोहल्ले में स्थापित विघ्नविनाशक के पंडाल आलोकित रहें और भक्ति का प्रवाह अविरल चलता रहे।
गणेशोत्सव केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है। यह सामाजिक अनुशासन और सामूहिक जिम्मेदारी का भी पर्व है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व रही। पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारी और स्वयंसेवक—सभी इस उत्सव को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाने में समर्पित थे। मुख्यमंत्री ने भी भक्तों से आह्वान किया कि उत्सव की गरिमा बनाए रखें, नियमों का पालन करें और (विसर्जन) के समय संयम तथा श्रद्धा का पालन करें।
खैराताबाद की महागणपति प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों के हृदय पुलकित हो उठते हैं। विशाल आकार और दिव्य सौंदर्य से सुसज्जित यह प्रतिमा भक्तों को यह अनुभूति कराती है कि प्रभु साकार रूप में हमारे बीच विराजमान हैं। भक्तों की भीड़, मंत्रोच्चारण, आरती की गूँज और ढोल-ताशों की ध्वनि से सम्पूर्ण वातावरण आध्यात्मिक हो उठा।
Telangana is the only state providing free power supply to Ganesh Pandals. Hon'ble CM Shri. @revanth_anumula offered puja at the Khairatabad Ganesh.
— IPR Telangana (@IPRTelangana) September 6, 2025
इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि हिन्दू संस्कृति कितनी जीवंत और प्रखर है। गणेशोत्सव केवल महाराष्ट्र या आंध्र प्रदेश तक ही सीमित परंपरा नहीं, बल्कि यह पूरे भारतवर्ष का उत्सव है। हैदराबाद के इस पर्व ने क्षेत्रीय एकता को और दृढ़ किया है, तथा यह संदेश दिया है कि धर्म का सच्चा स्वरूप प्रेम, करुणा और सौहार्द है।
भगवान गणपति, जिन्हें सिद्धिविनायक और विघ्नविनाशक कहा जाता है, उनकी कृपा से हर भक्त का जीवन मंगलमय होता है। खैराताबाद का यह उत्सव केवल स्थानीय आयोजन नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति का उत्सव है—जहाँ आध्यात्मिकता और आधुनिकता, परंपरा और प्रगति, आस्था और व्यवस्था सब एक सूत्र में बंधकर भगवान की महिमा का गान करते हैं।
इस वर्ष का खैराताबाद गणेशोत्सव इतिहास में एक जीवंत उदाहरण के रूप में दर्ज होगा कि जब शासन, समाज और संस्कृति तीनों एक साथ मिलकर भक्ति का महापर्व रचते हैं, तो न केवल नगर, बल्कि समस्त प्रदेश शांति, सौहार्द और समृद्धि से आलोकित हो उठता है।